सदी की सबसे खतरनाक महामारी है कोरोना, एशियाई विकास बैंक ने बताया- वैश्विक अर्थव्यवस्था को 4.1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है

मुंबई. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि कोरोनावायरस महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 4.1 ट्रिलियन डालर की चपत लग सकती है क्योंकि यह संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को तबाह कर रहा है। यह अनुमानित दुष्प्रभाव, परिदृश्यों की एक श्रृंखला के आधार पर दुनियाभर में उत्पादन के लगभग पांच प्रतिशत के बराबर है। लेकिन साथ ही बैंक ने यह भी कहा कि "सदी की सबसे खराब महामारी" से और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है।


एडीबी ने कहा कि अनुमानित प्रभाव को कम आंका जा सकता है, जैसे अतिरिक्त चैनलों के रूप में। संभावित सामाजिक और वित्तीय संकट, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर दीर्घकालिक प्रभावों को महामारी से पड़ने वाले प्रभाव के विश्लेषण से बाहर रखा गया है।


मनीला स्थित बैंक ने कहा कि एक अगर महामारी पर जल्द काबू पा लिया जाता है तो यह अनुमानित नुकसान 2 ट्रिलियन डालर तक सिमट सकता है। इस संकट ने इक्विटी बाजार को नचा कर रख दिया है क्योंकि व्यापारियों में इसका विश्व अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव दिखाई पड़ रहा है। हालांकि सरकारों और केंद्रीय बैंकों ने इस मार्फत लोगों को प्रोत्साहित करने और उनके दर्द को कम करने के मकसद से 5 ट्रिलियन डालर से अधिक राशि के पैकेज का ऐलान किया है।


आधिकारिक तौर पर कोविड-19 मामले से वैश्विक स्तर पर 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं जिसमें से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अभी भी इस आंकड़ों में तेजी बढ़ने की चेतावनी दी गई है क्योंकि कोरोना वायरस का बढ़ना जारी है। वैश्विक स्तर पर अरबों लोग लॉकडाउन की वजह से घरों में कैद हैं और अर्थव्यवस्था ठप सी है। एडीबी के अनुसार एशिया की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.2 प्रतिशत इस साल रह सकती है। हालांकि 1998 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद से यह सबसे धीमी वृद्धि होगी, जो उस समय 1.7 फीसदी की वृद्धि दर थी।


एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सावदा ने कहा कि यह कोई नहीं बता सकता है कि कोविड-19 की महामारी कितनी बढ़ेगी और यह वर्तमान अनुमान से ज्यादा समय इसकी रिकवरी में लग सकता है और वित्तीय संकट की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।